एमएस धोनी जब मैदान पर होते हैं तो विरोधी टीम के लिए वो एक पहेली होते हैं और उनके चेहरे तो देखकर इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि उनके दिमाग में क्या कुछ चल रहा है। हालांकि भारत व सीएसके के लिए खेल चुके धोनी के साथी खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा को लगता है कि वर्ल्ड कप जीत चुका भारत का ये कप्तान दुनिया का सबसे सरल व्यक्ति है। उथप्पा का मानना है कि “उनकी सादगी कुछ ऐसी है जो हमेशा से रही है और यह कुछ ऐसी है जो बदली नहीं है। वह आज भी उतने ही सरल हैं जितने पहली बार मिले थे। धोनी दुनिया के सबसे सरल व्यक्ति हैं।’
धोनी के व्यक्तित्व को डिकोड करते हुए उथप्पा ने कहा कि एमएस बहुत ही खुले हुए व्यक्ति हैं और वो सच बोलने से नहीं हिचकिचाते, भले ही इससे आपको ठेस पहुंचे। मुझे याद है कि जब नीलामी में सीएसके ने मुझे साइन किया था तो उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि मुझे यकीन नहीं है कि आपको खेलने का मौका मिलेगा क्योंकि सीजन अभी दूर है और मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। यदि आप खेलना समाप्त करते हैं, तो मैं आपको बता दूंगा। मैंने आईपीएल में 13 सफल वर्षों का आनंद लिया था। फिर भी उन्होंने मुझे बताया कि टीम के लिए क्या करना है और मैं अभी भी इसकी बहुत सराहना करता हूं।
2007 में जब भारत ने धोनी की कप्तानी में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीता था तब उथप्पा उस टीम का हिस्सा थे। उथप्पा ने धोनी के साथ अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताया साथ ही एक घटना का जिक्र किया जिसमें धोनी ने भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी श्रीधरन श्रीराम को घायल कर दिया था। उथप्पा ने कहा कि पहली बार मैंने एमएस को 2003 में एनसीए बैंगलोर में एक भारतीय शिविर में देखा था। वह मुनाफ पटेल के खिलाफ बल्लेबाजी कर रहे थे और उन पर लंबे-लंबे छक्के लगा रहे थे।
इसके बाद जब श्रीराम उन्हें गेंदबाजी कर रहे थे और धोनी ने बाहर निकलकर गेंद को जोर से मारा। श्रीराम ने हाथ से छुआ और गेंद 10-20 गज पीछे चली गई। हमें लगा कि श्रीराम गेंद के पीछे दौड़ रहे हैं, लेकिन वह गेंद के पीछे भागा और सीधे ड्रेसिंग रूम में चला गया क्योंकि उसकी दो अंगुलियां टूट गई थीं। उसी वक्त मुझे पत चल गया था कि उनमें कितनी ताकत है और वो कितने विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं। मुझे उसी वक्त पता चल गया था कि वो भारत के लिए खेलेगा।
उथप्पा ने आगे कहा कि हम साथ ही में खाना खाते थे और हमारा एक ग्रुप था जिसमें सुरेश रैना, इरफान पठान, आरपी सिंह, पीयूष चावला, मुनाफ पटेल, एमएस और मैं था। हम दाल मखनी, बटर चिकन, जीरा आलू, गोबी और रोटियां ऑर्डर करते थे। लेकिन जब खाने की बात आती है तो एमएस बहुत कठोर व्यक्ति होते थे। वह बटर चिकन खाते थे लेकिन चिकन के बिना, सिर्फ ग्रेवी के साथ! जब वह चिकन खाता तो रोटियां नहीं खाता। जब खाने की बात आती थी तो वह काफी अजीब होते थे।
2023-03-18T14:56:54Z dg43tfdfdgfd