मुंबई इंडियंस, IPL इतिहास की सबसे सफल टीम है. अब तक मुंबई पांच बार IPL का खिताब जीत चुकी है, और उसकी नजर अब 6वें खिताब पर है. मुंबई की सफलता के बात होती है तो सबकी जुबान पर रोहित की कप्तानी और टीम के खिलाड़ियों का नाम आता है, जबकि सच तो यह है कि कई लोग पर्द के पीछे रहकर सालों से मुंबई इंडियंस को IPL की चैंपियन टीम बनाने में लगे हुए हैं. राहुल सांघवी एक ऐसा ही नाम हैं.
राहुल सांघवी के नाम की चर्चा भले ही कम होती है, लेकिन जानकार बताते हैं कि वो मुंबई इंडियंस की रीढ़ हैं. 2008 की शुरुआत में ही वो मुंबई इंडियंस टीम के साथ जुड़ गए थे, और तब से लगातार देशभर से यंग टैलेंट को खोजकर टीम के लिए उन्हें तराशने का काम कर रहे हैं. सांघवी एक वक्त में DDCA के चयनकर्ता भी थे, लेकिन 2016 में IPL में मुंबई इंडियंस टीम के साथ जुड़े होने के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा था.
राहुल सांघवी का क्रिकेट करियर रणजी से शुरु हुआ था. वो बायें हाथ के उंगलियों के स्पिनर थे. 1994-95 में उन्होंने दिल्ली की टीम से सीनियर वर्ग के घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था. 1997-98 में दिल्ली की टीम से एक घरेलू एकदिवसीय मैच खेलते हुए उन्होंने हिमांचल प्रदेश के खिलाफ 15 रन देकर 8 विकेट लिये थे, जिसके बाद वो चयनकर्ताओं की नजर में आए और उनका आगे का रास्ता आसान हुआ.
आगे बतौर स्पिनर उन्होंने 1998 में भारत के लिए 10 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच और 2001 में एक बड़ा टेस्ट मैच खेला था. आस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने हरभजन सिंह के साथ भारतीय स्पिन आक्रमण की जिम्मेदारी संभाली थी. इस मैच में सांघवी ने स्टीव वॉग और शेन वार्न को आउट किया था. सांघवी का ये पहला और अंतिम टेस्ट मैच था. इसके बाद वो क्रिकेट खेलते नजर नहीं आए.
आंकड़ों की बात करें तो सांघवी ने 10 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की 10 पारियों में 39.90 के औसत, और 4.80 की इकोनॉमी से 10 विकेट लिए हैं. इनका सर्वश्रेष्ठ 3/29 जिम्बावे के खिलाफ अप्रैल 1998 में वड़ोदरा के मैदान में आया था. जबकि, टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ 2/67 आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में वानखेड़े के मैदान पर आया था.
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